Sunday, February 23
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प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के पूर्व कप्तान के घर में लगा दी आग! वीडियो हुआ वायरल

बांग्लादेश क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मुशरफ़ी मुर्तज़ा के घर को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया है देश में चल रहे आंदोलन की पृष्ठभूमि में पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा छात्रों को हिरासत में लिया जा रहा है और गोली मारी जा रही है बहुत सरे आंदोलनकारियों को जेल में भी डाल दिया है प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में छात्रों की हत्याओं और सामूहिक गिरफ्तारियों पर चुप्पी के लिए सत्तारूढ़ अवामी लीग के सांसद मुर्तजा की आलोचना की। इस मौके पर भीड़ ने जिला अवामी लीग कार्यालय और पार्टी अध्यक्ष के आवास को जला दिया मुर्तजा ने 117 मैचों में बांग्लादेश की कप्तानी की है और देश के लिए सर्वाधिक मैचों में कप्तानी करने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है।

अपने लंबे क्रिकेट करियर में उन्होंने 36 टेस्ट, 220 वनडे और 54 टी20 मैचों में 390 अंतरराष्ट्रीय विकेट के साथ 2,955 रन बनाए हैं। सेवानिवृत्ति के बाद, उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया, हसीना की अवामी लीग में शामिल हुए और नरेल-2 निर्वाचन क्षेत्र से सांसद के रूप में जीत हासिल की।

आखिर क्यों बांग्लादेश मै भड़की हिंसा

सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर शुरू हुआ आंदोलन हिंसक हो गया है और देश भर में हिंसा हुई है, जिसमें लगभग 300 लोग मारे गए हैं और हजारों घायल हुए हैं।सोमवार को हिंसा ने नया मोड़ ले लिया और प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा. इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना ने देश छोड़ दिया और भारत में शरण ले ली। शेख हसीना के आवास छोड़ने के बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास पर कब्जा कर लिया और तोड़फोड़ की। बाद में सेना प्रमुख ने देश के हालात पर बयान जारी कर प्रदर्शनकारियों से संयम बरतने की अपील की और कहा कि देश में जल्द ही अंतरिम सरकार बनेगी.

पुलिस ने हजारों प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और रबर की गोलियां चलाईं। मरने वालों में 14 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
कुछ स्थानों पर सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग के कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच झड़पें हुईं. कुछ स्थानों पर अवामीलीग के कार्यकर्ताओं और नेताओं की भी मृत्यु हो गई। इस प्रकार हिंसा आंदोलन के कारण 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई।

विभिन्न समाचारों के अनुसार देश में चल रहे इस हिंसाचार को किसी बाहरी शक्ति द्वारा चलाया जा रहा है जो की चिंताजनक है सोशल मीडिया में छाए समाचारों में यही भी बताया जा रहा है की छात्र सरकार अब अपने कब्ज़े में लेना चाहते है पिछले साल ऐसा की कुछ श्रीलंका में भी घटा था जो अभी बांग्लादेश में चल रहा है

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